गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

Worksheet of Dhul/ Dhool cbse Class 9 hindi



                         धूल

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प्रश्न १ - निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखें -                 ५ 
   

  हमारी देश भक्ति धूल को माथे से न लगाए तो कम से कम उस पर पैर तो रखे | किसान के 

हाथ-पैर, मुँह पर छाई हुई यह धूल हमारी सभ्यता से क्या कहती है ? हम काँच को प्यार करते हैं,

 धूल - भरे हीरे में धूल ही दिखाई देती है, भीतर की कांति आँखों से ओझल रहती है, लेकिन ये 

हीरे अमर हैं और एक दिन अपनी अमरता का प्रमाण भी देंगे | अभी तो उन्होंने अटूट होने का ही 

प्रमाण दिया है -“ हीरा वही घन चोट न टूटे |” वे उलटकर चोट भी करेंगे और तब काँच और हीरे

 का भेद जानना बाकी न रहेगा | तब हम हीरे से लिपटी हुई धूल को भी माथे से लगाना सीखेंगे | 


१- धूल को माथे से लगाने और उस पर पैर रखने से किसका परिचय मिलाता है?


२- किसके हाथ-पैर, मुँह पर धूल छाई हुई ?


३- धूल से भरे हुए हीरे कैसे हीरे हैं?


४- प्रस्तुत पाठ के लेखक का नाम लिखें |


५- “ हीरा वही घन चोट न टूटे |” इस पंक्ति में हीरा किसका प्रतीक है?


प्रश्न २- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें -                                    १०


 १- गोधूलि की बेला से क्या अभिप्राय है?


 २- लेखक हमें धूल पर पैर रखने के लिए क्यों कह रहा है?


 ३- हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?


४ - ग्रामीण व शहरी सभ्यता में क्या अंतर है?


५- धूल का महत्त्व अपने शब्दों में लिखें |