वाक्य-प्रकरण
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वाक्य- एक विचार को पूर्णता
से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है।
वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं-
1.उद्देश्य- कर्ता को उद्देश्य कहा जाता है|
2.विधेय- उद्देश्य (कर्ता) के विषय में जो
कुछ कहा जाता है, अथवा वह जो कुछ कार्य करता है वह सब विधेय कहलाता है।
वाक्य-भेद
1.साधारणवाक्य- जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही क्रिया हो | (वह पढ़ता है|)
2.संयुक्तवाक्य- दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चय बोधकों जैसे (पर, किन्तु, और, या आदि ) से जुड़े होते हैं| ( सती गई और भावना आई।)
3.मिश्रितवाक्य- जब
किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कई साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य
की रचना हो | जैसे- कि, जो-वह, जब-तब आदि |
(जब वह मेरे पास आया तब मैं सो रहा था।)