शनिवार, 8 अगस्त 2015

Sanyukt and Mishra Vakya




 
   
वाक्य-प्रकरण  

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वाक्य- एक विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है।

वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं-

1.उद्देश्य- कर्ता को उद्देश्य कहा  जाता है|

2.विधेय- उद्देश्य (कर्ता)  के विषय में जो कुछ कहा जाता है, अथवा वह  जो कुछ कार्य करता है वह  सब विधेय कहलाता है।

वाक्य-भेद

रचना के अनुसार-

1.
साधारणवाक्य- जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही क्रिया हो | (वह पढ़ता है|)

2.
संयुक्तवाक्य- दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चय बोधकों जैसे  (पर, किन्तु, और, या आदि ) से जुड़े होते हैं|   ( सती  गई और भावना आई।)


3.मिश्रितवाक्य- जब किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कई साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य की रचना हो | जैसे- कि, जो-वह, जब-तब आदि |
(जब वह मेरे पास आया तब मैं सो रहा था।)