पद परिचय
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक
उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय
हुआ करता है। वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें
‘पद’ कहते हैं। उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’
कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है-- वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया तथा अव्यय । इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
संज्ञा का पद परिचय
संज्ञा
•
व्यक्तिवाचक
-Proper Noun- राम, सूरत,
•
जातिवाचक
-Common Noun- सैनिक, छात्र, लकड़ी ,सोना
•
भाववाचक
- Abstract Noun- सुख, दुःख,बचपन ,मोटापा
संज्ञा का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.संज्ञा का भेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ पद का संबंध
जैसे- राधा पत्र लिखती है।
राधा --
व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन,
कर्ता कारक, 'लिखती है' क्रिया
का कर्ता।
पत्र -- जातिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक , ‘लिखती है’ क्रिया का कर्म।
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पत्र -- जातिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक , ‘लिखती है’ क्रिया का कर्म।
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सर्वनाम -
Pronoun
•
पुरुषवाचक -Personal - मैं, वह, तुम
•
निश्चयवाचक- Demonstrative-यह,ये,
•
अनिश्चयवाचक- Indefinite - कोई,कुछ
•
प्रश्नवाचक -Interrogative -कौन, क्या
•
संबंध वाचक
-Relative-जो-सो, जैसे, जिसकी
•
निज वाचक -Reflexive-स्वयं, अपना
सर्वनाम का पद परिचय
सर्वनाम का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.सर्वनाम का भेद उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ संबंध
जैसे- 1. देवल ने उसे बहुत मारा।
उसे --पुरूषवाचक सर्वनाम,अन्य पुरूष,उभय लिंग,एकवचन,कर्म कारक,‘मारा’ क्रिया का कर्म।
2 .मेघा और हम मेला देखने गए।
हम - पुरूषवाचक सर्वनाम,उत्तम पुरूष,पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक ‘देखने गए’ क्रिया का कर्ता।
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विशेषण
•
गुणवाचक-Qualitative-साफ,गन्दा ,लाल गोल जापानी कमजोर
•
परिमाण वाचक-Quantity-चार लीटर दस मीटर, थोडा कपड़ा ,तनिक
ढेर
•
संख्या बोधक-Number-चार लोग, दर्जन,कई लोग, थोड़े लोग
•
सार्वनामिक-Pronominal, यह, वह (संज्ञा के पहले)
विशेषण का पद परिचयविशेषण का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद,उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.विशेष्य
जैसे-
1.विक्की पहली कक्षा में पढ़ता है।
*पहली- संख्यावाचक विशेषण , निश्चित संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग , एकवचन , अधिकरण कारक, ‘कक्षा’ का विशेषण |
2. यह पुस्तक राज की है।
* यह - सार्वनामिक विशेषण,स्त्रीलिंग, एकवचन,‘पुस्तक’ का विशेषण।
3. राज बहुत शैतान लड़का है।
*बहुत प्रविशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, ‘शैतान’ का विशेषण ।
*शैतान- गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, कर्मकारक, ‘लड़का’ का विशेषण ।
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क्रिया
कर्म के आधार पर
कर्म के आधार पर
•
अकर्मक-रोना, हँसाना ,टेरना, बैठना
•
सकर्मक- पीना ,धोना, लिखना
•
रचना का आधार
•
संयुक्त - कर रही है, बुला रही है
•
प्रेरणार्थक - लिखवाना, बुलवाना, धुलवाना
•
पूर्वकालिक - खाकर, भागकर देखकर
•
नामधातु - टकराना, लतियाना, बतियाना
क्रिया का पद परिचय
क्रिया का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद (कर्म के आधार पर)
2.लिंग
3.वचन
4.धातु
5.काल
6.कर्ता का संकेत
जैसे -
1 . रेखा निबंध लिखती है।
*लिखती है - सकर्मकक्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘लिख’धातु, वर्तमानकाल, स्निगधा इसकी कर्ता
क्रिया का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद (कर्म के आधार पर)
2.लिंग
3.वचन
4.धातु
5.काल
6.कर्ता का संकेत
जैसे -
1 . रेखा निबंध लिखती है।
*लिखती है - सकर्मकक्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘लिख’धातु, वर्तमानकाल, स्निगधा इसकी कर्ता
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अव्यय
अव्यय : समुच्चयबोधक (योजक)
व्यय : संबंधबोधक
अव्यय : विस्मयादिबोधक
अव्यय : क्रिया विशेषण अव्यय : विस्मयादिबोधक
•निपात
व्
अव्यय :
क्रिया विशेषण का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.भेद
2.उपभेद
3.विशेष्य-क्रिया का निर्देश।
जैसे- रीतिका रोज सवेरे धीरे-धीरे टहलती है।
1. रोज सवेरे-क्रिया विशेषण, कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘टहलती है’ क्रिया का विशेषण
2 .धीरे धीरे-क्रिया विशेषण, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘टहलती है’ क्रिया की विशेषता बताता है।
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अव्यय : समुच्चयबोधक (योजक)
समुच्चयबोधक का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.भेद
2.उपभेद
3.संयुक्त शब्द अथवा वाक्य
जैसे- 1.इशिका और किरण भाई-बहन हैं।
* और- समुच्चयबोधक अव्यय, समाधिकरण योजक, ‘इशिका और किरण शब्दों को मिला रहा है।
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अव्यय : संबंधबोधक
संबंधबोधक का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए।
1.भेद
2.पदों/पदबंधों/वाक्यांशों से संबंध का निर्देश
जैसे- 1.हमारे विद्यालय के पीछे खेल का मैदान है।
* के पीछे - संबंधबोधक अव्यय, स्थानवाचक, ‘विद्यालय’ का संबंध अन्य शब्दों से जोड़ने वाला।
2. चोट के कारण राहुल खड़ा भी नहीं हो पा रहा ।
* के कारण- संबंधबोधक अव्यय,कारण सूचक,‘चोट’ का संबंध अन्य शब्द से जोड़ता है।
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अव्यय : विस्मयादिबोधक
1.भेद
2.उपभेद
3.सूचक-भाव
जैसे- 1.शाबाश ! बिट्टू ने तो कमाल कर दिया।
* शाबाश ! - अव्यय , विस्मयादिबोधक - - अव्यय, हर्ष सूचक |
2 .हाय ! बाढ़ ने तो सब कुछ डूबो दिया।
*.हाय ! -अव्यय, विस्मयादिबोधक,शोक सूचक |