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चित्र
वर्णन एक नई विधा है | इसमें दिखाए गए चित्र के आधार पर पच्चीस-तीस शब्दों में
उसका परिचय देना या उसके मूल भाव को वार्णित करना होता है|
चित्र वर्णन करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दें -
१- वाक्य रचना केवल वर्तमान काल में ही करें |
२- चित्र वर्णन लगभग ८-९ वाक्यों में किया जाना
चाहिए |
३- विषय व वाक्यों में क्रम बद्धता होनी चाहिए |
४- पहले वाक्य में बताएँ कि ‘दृश्य किसका है’ ?
५- आगे के वाक्यों में , ‘चित्र में क्या-क्या
हो रहा है?’ वे बातें लिखें |
५- अंतिम में समापन वाक्य लिखें |
उदहारण -
यह दृश्य जेल का है | जेल
में किसी अपराधी को फाँसी दी जा रही है | अपराधी का मुँह ढका है | जल्लाद निश्चिंत
भाव से आपने कम को करने के लिए तैयार है | सुरक्षा कर्मी अपलक नेत्रों से अपराधी
को देख रहे है | बुरे काम का अंत भी बुरा होता है |