हिंदी लेखन में होने वाली सामान्य गलतियाँ
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१- में (in) और मैं ( i )
गलत - तेरी तस्वीर मे ये क्या है ?
ठीक - तेरी तस्वीर में ये क्या है ?
गलत- मै / मे पढ़ रहा था |
गलत - तेरी तस्वीर मे ये क्या है ?
ठीक - तेरी तस्वीर में ये क्या है ?
गलत- मै / मे पढ़ रहा था |
ठीक - मैं
पढ़
रहा था |
२- कि (that) और की (of )
'कि' और 'की' दोनों अलग अलग हैं।
एक के स्थान पर दूसरे का प्रयोग पूर्णतः गलत है।
१- कि दो वाक्यों को
जोड़ने का काम करता है जैसे- उसने कहा कि कल
वह नहीं आएगा।
२- की संबंध बताने के काम आता है
जैसे- राम की किताब, सर्दी की ऋतु, सम्मान की बात
३- है और हैं
है
और हैं दोनों अलग अलग हैं। इनका प्रयोग भी अलग अलग स्थानों पर होता है।
एक
वचन - है
बहुवचन
- हैं
जैसे-
एक आदमी धूप में चला जा
रहा है।
बहुत से लोग धूप में जा रहे हैं |
सम्मान देने के अर्थ
में भी हैं बहुवचन का प्रयोग होता है|
जैसे-
पिता जी बैठे हैं |
४- रु और रू
रू
( र+ऊ ) रूप,रूस, डमरू
रु
( र+उ ) रुत, रुतबा, पुरुष
५-
ये तथा यी के स्थान पर ए तथा ई
आजकल विभिन्न शब्दों में ये तथा यी के
स्थान पर ए तथा ई का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण - गयी गई (सही)
उदाहरण - गयी गई (सही)
हुयी हुई
(सही)
आयी आई
(सही)
नयी नई
आयेगा
आएगा (सही)
खायेगा
खाएगा (सही)
६- बिंदु (अनुस्वार) की जगह चन्द्रबिंदु (अनुनासिक) का प्रयोग
गलत - पँडित, शँकर, नँबर, मँदिर
ठीक - पंडित (या पण्डित), शंकर, नंबर (या नम्बर), मंदिर (या मन्दिर)
७-. रेफ को एक अक्षर पहले लगाना
यहाँ र का उच्चारण श के पहले हो रहा है अतः र को श से पहले लिखेंगे |
गलत - मेरा आर्शीवाद तुम्हारे साथ है।
ठीक - मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
८- ड़ की जगह ड, या ढ़ की जगह ढ
पडोस पड़ोस (सही)
पढाई/पड़ाई - पढ़ाई(सही)
हडताल - हड़ताल(सही)
९- बहुवचन संबोधन में अनुनासिक
ठीक - आओ बच्चों! तुम्हें दिखाएँ..
गलत - आओ बच्चो! तुम्हें दिखाएँ..
१०- अपने की जगह मेरे/तुम्हारे/उसके का प्रयोग
गलत - मैं मेरे घर जा रहा हूँ, तुम तुम्हारे घर जाओ।
गलत - मैं मेरे घर जा रहा हूँ, तुम तुम्हारे घर जाओ।
ठीक - मैं अपने घर जा रहा हूँ, तुम अपने घर जाओ।
११- दो प्रकार से लिखें जाने वाले
शब्द
हिंदी में कुछ प्रचलित शब्द ऐसे हैं
जिनकी वर्तनी के दो-दो रूप बराबर चल रहे हैं। विद्वत्समाज में
दोनों रूपों की एक-सी मान्यता है। कुछ उदाहरण हैं :–
गरदन/गर्दन गरमी/गर्मी
बरफ़/बर्फ़ बिलकुल/बिल्कुल
सरदी/सर्दी कुरसी/कुर्सी
भरती/भर्ती फ़ुरसत/फ़ुर्सत
बरदाश्त/बर्दाश्त वापस/वापिस
आखिरकार/आखीरकार बरतन/बर्तन
दुबारा/दोबारा दुकान/दूकान
बीमारी/बिमारी
इन वैकल्पिक रूपों में से पहले वाले
रूप को प्राथमिकता दी जाए।
१२- लेखन के दौरान होने वाली अन्य
गलतियाँ
गलत सही चाहिये चाहिए
लिखिये लिखिए
दीजिये दीजिए
आइये आइए
जाये जाएँ
क्योकी क्योंकि
नही नहीं
बहोत बहुत
बहार (आउट साइड ) बाहर
बहेन बहन
बना रहे ( सेलिब्रेटिंग ) मना रहे
उनहोने उन्होंने
तुमहारा तुम्हारा
उस्से उससे