शनिवार, 15 अगस्त 2015

COMMON MISTAKES IN HINDI WRITING/ हिंदी लेखन में होने वाली सामान्य गलतियाँ



हिंदी लेखन में होने वाली सामान्य गलतियाँ 
-------------------------------------------------------------------------------------
१- में (in) और मैं ( i )
      गलत - तेरी तस्वीर  मे  ये क्या है ?
     ठीक - तेरी तस्वीर  में  ये क्या है ?

     गलत- मै / मे पढ़ रहा था |
ठीक - मैं पढ़ रहा था |
२- कि (that) और की (of )
   'कि' और 'की' दोनों अलग अलग हैं। एक के स्थान पर दूसरे का प्रयोग पूर्णतः गलत है।
१- कि दो वाक्यों को जोड़ने का काम करता है जैसे- उसने कहा कि कल वह नहीं आएगा।
२- की संबंध बताने के काम आता है जैसे- राम की किताब, सर्दी की ऋतु, सम्मान की बात
३- है और हैं
है और हैं दोनों अलग अलग हैं। इनका प्रयोग भी अलग अलग स्थानों पर होता है।
एक वचन - है
बहुवचन - हैं
जैसे- एक आदमी धूप में चला जा रहा है।
     बहुत से लोग धूप में  जा रहे हैं |
सम्मान देने के अर्थ में भी हैं बहुवचन का प्रयोग होता है|
जैसे- पिता जी बैठे हैं |
४- रु और रू
रू ( र+ऊ ) रूप,रूस, डमरू
रु ( र+उ ) रुत, रुतबा, पुरुष

५- ये तथा यी के स्थान पर ए तथा ई
आजकल विभिन्न शब्दों में ये तथा यी के स्थान पर ए तथा ई का प्रयोग किया जाता है। 
उदाहरण - गयी            गई (सही)
         हुयी            हुई (सही)
   आयी           आई (सही)
   नयी           नई
         आयेगा          आएगा (सही)
         खायेगा          खाएगा (सही)

६- बिंदु (अनुस्वार) की जगह  चन्द्रबिंदु (अनुनासिक) का प्रयोग

गलत - पँडित, शँकर, नँबर, मँदिर
ठीक - पंडित (या पण्डित), शंकर, नंबर (या नम्बर), मंदिर (या मन्दिर)
७-. रेफ को एक अक्षर पहले लगाना
   यहाँ र का उच्चारण श के पहले हो रहा है अतः र को श से पहले लिखेंगे |
  
    गलत - मेरा  आर्शीवाद  तुम्हारे साथ है।
    ठीक - मेरा  आशीर्वाद  तुम्हारे साथ है।

८-   की जगह , या की जगह

    पडोस       पड़ोस (सही)
    पढाई/पड़ाई - पढ़ाई(सही)
     हडताल -    हड़ताल(सही)

९- बहुवचन संबोधन में अनुनासिक

   ठीक - आओ बच्चों! तुम्हें दिखाएँ..
   गलत - आओ बच्चो! तुम्हें दिखाएँ..

१०- अपने की जगह मेरे/तुम्हारे/उसके का प्रयोग

गलत - मैं मेरे घर जा रहा हूँ, तुम तुम्हारे घर जाओ।

ठीक - मैं अपने घर जा रहा हूँ, तुम अपने घर जाओ।


११- दो प्रकार से लिखें जाने वाले शब्द
हिंदी में कुछ प्रचलित शब्द ऐसे हैं जिनकी वर्तनी के दो-दो रूप बराबर चल रहे हैं। विद्‍वत्समाज में दोनों रूपों की एक-सी मान्यता है। कुछ उदाहरण हैं :–
गरदन/गर्दन                          गरमी/गर्मी
बरफ़/बर्फ़                            बिलकुल/बिल्कुल
सरदी/सर्दी                         कुरसी/कुर्सी
भरती/भर्ती                         फ़ुरसत/फ़ुर्सत
बरदाश्त/बर्दाश्त                     वापस/वापिस
 आखिरकार/आखीरकार               बरतन/बर्तन
दुबारा/दोबारा                       दुकान/दूकान
बीमारी/बिमारी
इन वैकल्पिक रूपों में से पहले वाले रूप को प्राथमिकता दी जाए।
१२- लेखन के दौरान होने वाली अन्य गलतियाँ
  गलत                        सही
  चाहिये                       चाहिए
  लिखिये                       लिखिए
   दीजिये                     दीजिए
   आइये                     आइए
   जाये                       जाएँ
  क्योकी                       क्योंकि
   नही                        नहीं
  बहोत                        बहुत
 बहार (आउट साइड )                  बाहर
 बहेन                         बहन
 बना  रहे ( सेलिब्रेटिंग )         मना  रहे
उनहोने                         उन्होंने
तुमहारा                        तुम्हारा
उस्से                          उससे