1. सोनजुही में लगी पीली कली को
देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
उत्तर-सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर
लेखिका के मन में छोटे से जीव गिलहरी की याद आ गई, जिसे वह गिल्लू कहती थीं। जब गिल्लू जीवित था तब इसी सोनजुही की लता में छिपा रहता और लेखिका के कंधे पर कूदकर उन्हें चौंका देता था
इसीलिए अब उन्हें लगा मानो सोनजुही की पीली कली के रूप में गिल्लू उन्हें फिर से
चौंकाने आ गया है |
2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित
प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर- कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि
वह छत पर बैठकर अपनी आवाज़ से प्रियजनों के आने की सूचना देता है।
पितृपक्ष में लोग कौए को अपना पूर्वज मानकर आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। इसे अनादरित इसलिए कहा गया
है क्योंकि इसकी आवाज़ बहुत कड़वी होती है।
3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया
गया?
उत्तर- लेखिका गिलहरी के घायल बच्चे को उठाकर
अपने कमरे में ले आई उसका घाव रुई से पोंछा उस पर पेंसिलिन दवा लगाई फिर उसके
मुँह में दूध डालने की कोशिश की परन्तु उसका मुँह खुल नहीं सका। कई घंटे के उपचार के बाद
उसने एक बूँद पानी पिया। तीन दिन के बाद उसने आँखे खोली और धीरे-धीरे स्वस्थ
हुआ।
4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या
करता था?
उत्तर- लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए
गिल्लू उनके पैरों के पास आता फिर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता पुन: उसी तेज़ी से उतरकर पैरों तक आता था । वह इसी तरह भाग दौड़ करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने
के लिए उठ न जाती।
5. गिल्लू को मुक्त करने की
आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?
उत्तर -बाहर की गिलहरियाँ खिड़की के जाली के पास बैठ कर चिक् चिक् करती।
उन्हें देखकर गिल्लू जाली के पास आकर बैठ जाता
और उन गिलहरियों को बड़े अपनेपन से निहारता था | उसको इस तरह बाहर निहारते हुए
देखकर लेखिका ने सोचा कि ये इन गिलहरियों से
मिलना चाहता होगा अत: उन्होंने उसे मुक्त करना आवश्यक समझा। लेखिका ने खिड़की की
जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर आ जा
सके।
6. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा
रहा था?
उत्तर - लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू उनके सिरहाने बैठ जाता और नन्हें
पंजों से उनके बालों को सहलाता रहता। इस प्रकार वह
सच्चे अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था।
7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था
कि अब उसका अंत समय समीप है?
उत्तर- गिल्लू ने दिन भर कुछ भी नहीं खाया न
बाहर गया अंत समय की मुश्किल के बाद भी वह झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आ गया और अपने
ठंडे पंजों से उँगली पकड़कर हाथ
से चिपक गया, जिसे पहले उसने घायल अवस्था में पकड़ा
था। इन्हीं चेष्टाओं से आभास मिलने लगा कि अब उसका अंत समय समीप है।
8. 'प्रभात की प्रथम किरण के
स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया' −का आश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इस कथन का आशय यह है कि सुबह होते होते
गिल्लू की मृत्यु हो गई और वह हमेशा के लिए सो गया ताकि वह कहीं और जन्म लेकर नए जीवन को पा
सके।
9. सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से
लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तर - सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि
बनाई गई क्योंकि यह लता गिल्लू को बहुत पसंद थी और साथ ही लेखिका को विश्वास था कि इस छोटे से
जीव को इस बेल पर लगे फूल के रुप
में देखेगी। सोनजुही में जब पीले फूल लगेंगे तो लेखिका के समक्ष गिल्लू की स्मृति साकार हो जाएगी।
इससे उन्हे संतोष मिलेगा।