गुरुवार, 3 सितंबर 2020

क्या निराश हुआ जाए पाठ आधारित अभ्यास कार्य

 

               क्या निराश हुआ जाए

                      शब्दार्थ

धर्मभीरु - जिसे धर्म छूटने का भय हो / अधर्म से डरने वाला पर्दाफाश - भेद खोलना / दोष प्रकट करना

उजागर - प्रकट करना

गंतव्य - स्थान जहाँ किसी को जाना

ढाँढस - दिलासा / धीरज

मन बैठना - निराश होना

तस्करी - चोरी का व्यापार

अतीत - बीता हुआ

निरीह - असहाय

आस्था - विश्वास

भौतिक - बनावटी

संयम - नियंत्रण

सुचारू - सही रूप से

आक्रोश - गुस्सा

प्रतिष्ठा - सम्मान

वंचना - धोखा

दोषोद्घाटन - कमियों को उजागर करना

विश्वासघात - विश्वास तोड़ना

आशा की ज्योति - उम्मीद

                 विलोम

उपेक्षा अपेक्षा

आशा निराशा

पर्याप्त पर्याप्त

निम्न वर्ग उच्च वर्ग

व्यक्तिगत सार्वजनिक

आरोप-प्रत्यारोप

                 समानार्थक

ढाँढस - सांत्वना, आश्वासन

संग्रह - संचय, संकलन

कृषि - किसानी, खेती

उद्योग - व्यवसाय, काम धंधा

संतोष - तसल्ली धैर्य

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अधर्म से डरने वाला - धर्म भीरु

भ्रष्ट है जो आचार - भ्रष्टाचार

स्थान जहाँ  किसी को जाना हो - गंतव्य


प्रश्न 1: आजकल कैसी घटनाओं से समाचार पत्र भरे रहते हैं ? 

उत्तर : आजकल ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं से समाचार पत्र भरे रहते हैं |

प्रश्न 2: रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने ईश्वर से क्या प्रार्थना की है ? 

उत्तर : रवींद्नाथ ठाकुर ने ईश्वर से यह प्रार्थना की है कि संसार में केवल नुकसान ही उठाना पड़े, धोखा ही खाना पड़े तो ऐसे अवसरों पर भी हे प्रभु ! मुझे ऐसी शक्ति दो कि मैं तुम्हारे ऊपर संदेह ना करूँ |

प्रश्न 3 : दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा रूप ले सकता है ? 

उत्तर : दोषों का पर्दाफाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लिया जाए और दोषोद्घाटन को एकमात्र कर्तव्य मान लिया जाए

प्रश्न 4 : लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं है आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है ?

उत्तर : लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं क्योंकि कई ऐसे भी लोग थे जिन्होंने अकारण लेखक की मदद की थी | बहुत सारी नकारात्मक घटनाओं के बीच में कुछ सकारात्मक घटनाएँ  जीवन में आशा का संचार करती हैं |

प्रश्न 5 : लेखक ने लोगों में सकारात्मकता का भाव भरने के लिए कौन - सा उदाहरण दिया है ?

उत्तर : लेखक ने लोगों में सकारात्मकता का भाव भरने के लिए यह उदाहरण दिया है कि एक बार रेलवे स्टेशन पर टिकट लेते समय लेखक ने दस रुपए वाला टिकट लेने के लिए 100 रुपए का नोट दिए थे और टिकट बाबू से वह 90 रुपए वापस लेना भूल गए थे | जब टिकट बाबू को यह पता चला तब उन्होंने सत्यनिष्ठा से लेखक को 90 रुपए वापस कर दिया लेखक को उनकी सच्चाई देख कर बहुत ही अच्छा लगा |