शनिवार, 11 जुलाई 2015

हिंदी सेवा राष्ट्र सेवा

मेरे प्यारे मित्रों
राष्ट्र भाषा राष्ट्रीय स्वाभिमान एवं राष्ट्रीय अखंडता के लिए अति आवश्यक है । हिंदी एक पूर्ण वैज्ञानिक भाषा है । हिंदी में वे सभी गुण मौजूद  है जो उसे राष्ट्र भाषा और विश्व भाषा बना सकते है । कहा जाता है कि नन्हें पैरो वाली चींटी  अगर चलती है तो सैकड़ो किलोमीटर चली जाती है पर तेज गति वाला गरुङ न उड़कर एक कदम भी नहीं जाता है । अतः हम जहाँ भी हैं, जिस भी परिस्थिति में हैं, हिंदी के विकास के लिए प्रयास शुरू कर दें । हिंदी सेवा राष्ट्र सेवा ।