1-सुनो-सुनो-सुनो ------------------------ प्रस्तुत करते हैं नुक्कड़ नाटक |
(सभी घूमते हुए )
वाह भाई वाह, वाह भाई वाह,
बच्चे भी देखेंगे वाह भाई वाह
बूढ़े भी देखेंगे वाह भाई वाह
चंदू भी देखेगा वाह भाई वाह
सारे पेरेंट्स भी देखेंगे वाह भाई वाह
1-मेहरबान कदरदान भाईजान
पुष्पा बाहुबली शाहरुख खान और मैरी कॉम ,
किधर है आपका ध्यान, थोड़ी देर के लिए छोड़ छोड़ कर आ जाओ अपना सारा
काम |
1- मुसाफिर
हूं अंधेरों का मुझे चिराग चाहिए |
2- जो
गिरतों को उठा दे ऐसी आवाज चाहिए |
3- न हारूँगी
मुश्किलों से, न हिम्मत अब तक हारी हूं|
हां मैं एक नारी हूं हां मैं एक नारी हूं
(सभी घूमते हुए )- सत्य
सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
सत्य सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
हां मैं नारी हूं हां मैं नारी हूं
छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो
खुद ही अपनी चीर बचा लो
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो
अब गोविंद ना आएँगे
( द्रौपदी का दृश्य प्रदर्शन )
जीने का अरमान है नारी 1+1+1+1
हम सबका सम्मान है नारी
तुम इसको निर्मल ना समझो
गीता फोगट जैसी पहलवान है नारी
( गीता फोगट का दृश्य प्रदर्शन )
(सभी घूमते हुए )- सत्य
सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
सत्य सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
हां मैं नारी हूं हां मैं नारी हूं
मैं अबला नादान नहीं हूं
दबी हुई पहचान नहीं हूं
मैं स्वाभिमान से जीती हूं
रखती अंदर खुद्दारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं मैं आधुनिक नारी हूं
( राफेल विमान का दृश्य )
सास- सुनील ! देखो तो बहू ने आज भी चाय नहीं बनाई |
सुनील परेशान होकर इधर उधर देखता है |
बहू- आज तो देख लेंगे |
बहू दूर चली जाती है |
सास- सुनील, देख इसकी आदतें, अब कुछ
करना ही होगा |
बहू – मैं चाय नहीं बनाऊँगी | सुनील का चेहरा उतर् जाता है |
सुनील - चुप रहो,
मैं ही बना देता हूँ | चाय बनाकर दोनों को देता है | और पीछे दोनों मुस्कराते हुए साथ में आते हैं|
(सभी
घूमते हुए )- सत्य सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
सत्य सनातन इस दुनिया की सतत पुजारी हूं
हां मैं नारी हूं हां मैं नारी हूं
. या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण
संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥
या देवी सर्वभूतेषू कान्ति
रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण
संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण
संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण
संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण
संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो
नमः॥