लाख की चूड़ियाँ
शब्दार्थ
चाव- चाह ,रुचि
सलाख- धातु की छड़, सलाई
मूँगरी - गोल, मुठियादार लकड़ी जो ठोकने -पीटने के काम आती है |
पैतृक- पूर्वजों का ,पिता से संबंधित या पुश्तैनी
खपत- माल की बिक्री
वस्तु-विनिमय - पैसों से न खरीदकर एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु लेना
कसर- घाटा पूरा करना, कमी
नाजुक- कोमल
पगड़ी - सिर पर लपेटकर बाँधा जाने वाला लंबा कपड़ा, पाग
मरहम पट्टी-जख्म का इलाज, घाव पर दवा लगाकर पट्टी बाँधना
मचिया- बैठने के उपयोग में आने वाली आने वाली सुतली आदि से बुनी छोटी चौकोर खाट
डलिया - बाँस का बना एक छोटा पात्र
फबना- सजना, शोभा देना
विलोम शब्द
स्मृति विस्मृति
पश्चात पूर्व
बहुधा एकदा
आखिरी प्रथम
पुराना नया
पर्यायवाची शब्द
शरीर- तन, देह ,काया बदन
स्त्री - महिला,नारी,कांता,वनिता
वस्त्र- कपड़ा ,वसन, परिधान,अंबर
सड़क - मार्ग, रास्ता, पथ,राह
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
जो मनको हर ले - मनोहर
जो समय बीत चुका है - अतीत
नव विवाहित स्त्री है जो - नववधु
जो पिता से संबंधित हो - पैतृक
जो गाँव से संबंधित हो - ग्रामीण।
उत्तर संक्षेप में लिखिए
प्रश्न-१ लाख की चूड़ियाँ कहानी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर- लाख की चूड़ियाँ कहानी के लेखक कामतानाथ है।
प्रश्न-२ बदलू कौन था और वह क्या काम करता था ?
उत्तर- बदलू लेखक के मामा के गाँव का मनिहार था | वह सुंदर लाख की चूड़ियाँ बनाने का काम करता था।
प्रश्न-३ बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाया करते थे ?
उत्तर- लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाया करते थे क्योंकि वहाँ लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला बदलू रहता था। लेखक को उससे बहुत लगाव था। वह लेखक को लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ बनाकर देता था।
प्रश्न -४ लेखक बदलू को बदलू को मामा न कहकर बदलू काका क्यों कहता था ?
उत्तर -लेखक बदलू को बदलू को मामा न कहकर बदलू काका कहते थे क्योंकि उनके मामा के गाँव के सभी बच्चे बदलू को बदलू काका कहते थे। उनके
उत्तर विस्तारपूर्वक लिखें।
प्रश्न-१ वस्तु -विनिमय क्या है ? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर- वस्तु विनिमय में एक सामान को देकर दूसरा सामान लिया जाता है। इसमें पैसे की आवश्यकता नहीं पड़ती । वर्तमान परिवेश में मुद्रा अर्थात पैसों से वस्तु खरीदी जाती है।
प्रश्न-२ मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं ? इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है ?
उत्तर- मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं| इस पंक्ति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है | मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया | मानो उनके हाथ ही कट गए हों | इन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम-धंधों से ही चलता था | वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इसी कला को बढ़ाते चले आ रहे थे और साथ में रोजी-रोटी भी चला रहे थे परंतु मशीनी युग ने लोगों को बेरोजगार बना दिया।
प्रश्न-३ बदलू के मन में ऐसी कौन - सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी ?
उत्तर- बदलू लाख की चूड़ियाँ बेचा करता था परंतु जैसे जैसे काँच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप हो गया। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन कचोटती रहती थी। बदलू के मन में इस बात की व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभाव स्वरूप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी न रह सकी।
प्रश्न-४ मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर- मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि बदलू का व्यवसाय बंद हो गया। वह बेरोजगार हो गया। उसको अपनी गाय तक बेचनी पड़ी और काम न करने से वह बीमार भी रहने लगा था।