समास
===============================================================================-===
समस्त पद बनाएँ:
प्रत्येक वर्ष
समय के अनुसार
समूद्र तक
बे शक
बात ही बात में
दौलत के साथ
पेट भर कर
गगन को चूमने वाला
यश को प्राप्त
ग्राम को गत
बाढ़ से पीड़ित
तुलसी द्वारा कृत
मॉल के लिए गाड़ी
सत्य के लिए आग्रह
देश के लिए भक्ति
चरित्र से हीन
पथ से भ्रष्ट
पवन का पुत्र
प्रेम का सागर
सर में दर्द
जल में मग्न
नरों में है जो अधम
घन के सामान श्याम
भला है जो मानस
महान है जो आत्मा
काली है जो मिर्च
प्रधान है जो मंत्री
तीन भुजाओं का समूह
पाँच आबों का
समाहार
चार मासों का समाहार
तीन शूलों का समूह
भाई और बहन
धर्म या अधर्म
रजा और
रंक
चाय या काफी
चन्द्र है शिखर पर
जिसके
नीला है कंठ जिसका
महान है जो देव
मीन के सामान आँखों
वाली
अंशु है माला जिसकी
गिरि को धारण किया जिसने
विषधर एक दन्त मुरलीधर पीताम्बर
अजातशत्रु